Current Affairs 2 Sep. 2017 in Hindi

Current Affairs 2 Sep. 2017 in Hindi

1.अमेरिका-रूस के बीच फिर तनाव : अमेरिका ने रूस का वाणिज्यिक दूतावास बंद किया

• रूस और अमेरिका के बीच शुक्रवार को एक बार फिर से राजनयिक खींचतान शुरू हो गई। इसकी शुरुआत उस वक्त हुई जब अमेरिका ने सैन फ्रांसिस्को स्थित रूस के वाणिज्य दूतावास और दो राजनयिक एनेक्सियों को बंद करने के आदेश दिए।
• अमेरिका ने यह जवाबी कार्रवाई ऐसे समय में की है जब रूस स्थित अमेरिकी राजनयिक मिशन में कर्मियों की संख्या घटाने की क्रेमलिन की मांग पर वॉशिंगटन द्वारा अमल करने की समय सीमा एक सितम्बर को पूरी हो गई।
• परमाणु शक्ति संपन्न दोनों देशों के बीच इस तनातनी से अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन से रिश्ते सुधारने की कोशिशों को एक और झटका लगा है। वॉशिंगटन ने कहा कि बृहस्पतिवार को समानता की भावना के तहत उसने सैन फ्रांसिस्को स्थित रूस के वाणिज्यिक दूतावास और वॉशिंगटन एवं न्यूयॉर्क स्थित दो राजनयिक एनेक्सियों को बंद करने के आदेश दिए थे।
• अमेरिका ने दी चेतावनी : विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉअर्ट ने एक बयान में कहा, रूस में हमारे मिशन का आकार घटाने के रूसी फेडरेशन की सरकार के फैसले पर अमेरिका ने पूरी तरह अमल किया है।
• अमेरिका ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि दोनों पक्ष बदले की भावना से की जाने वाली और कार्रवाइयों से परहेज कर सकते हैं और संबंधों में सुधार कर सकते हैं, लेकिन उसने चेतावनी भी दी कि वह जरूरत पड़ने पर और कार्रवाई करने के लिए तैयार है।
• रूस ने जताया अफसोस :रूस के विदेश मंत्रालय ने तनाव बढ़ने पर अफसोस जताया और कहा कि वह अमेरिका की ओर से उठाए गए कदमों का विश्लेषण करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया जाहिर करेगा। हालांकि, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने ताजा तनाव के लिए ट्रंप प्रशासन को जिम्मेदार ठहराने से परहेज किया और सारा ठीकरा उनके पूर्ववर्ती बराक ओबामा पर फोड़ दिया। लावरोव ने कहा, रूस के हितों का जवाब जहां मिलेगा, वहां रचनात्मक सहयोग के लिए हम आज भी तैयार हैं।

2. सहयोग से जुड़े मुद्दों पर सुषमा ने की श्रीलंकाई राष्ट्रपति से बात

• भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शुक्रवार को श्रीलंकाई राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन से भेंट कर द्विपक्षीय सहयोग से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की। श्रीलंका में चीन की बढ़ती भूमिका के बीच इस मुलाकात को महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
• सुषमा दूसरे हिन्द महासागर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कोलंबो की यात्रा  पर हैं। उन्होंने दो दिनी सम्मेलन से इतर सिरीसेन से भेंट की। विदेश मंत्रलय के प्रवक्ता रवीश कुमार ने यह जानकारी दी।
• उन्होंने ट्वीट किया, ‘विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने राष्ट्रपति मैत्रिपाल सिरीसेन के साथ आपसी सहयोग से जुड़े द्विपक्षीय मुद्दों पर विचार विमर्श किया।’
• सुषमा ने इस भेंट में कहा कि हिन्द महासागर में शांति बनाए रखने की जिम्मेदारी क्षेत्रीय देशों की है।
• श्रीलंका के प्रधानमंत्री विक्रमसिंघे ने हंबनटोटा बंदरगाह पर चीन की मौजूदगी को लेकर भारत की चिंता को दूर करने की कोशिश की।
• उन्होंने सुषमा की उपस्थिति में हंिदू महासागर सम्मेलन में कहा, ‘कुछ लोग यह दावा कर रहे हैं कि हंबनटोटा पोर्ट सैन्य अड्डा होगा। मैं साफ कहना चाहता हूं कि श्रीलंका किसी भी देश के साथ न तो सैन्य गठजोड़ करेगा और न उसे अपने अड्डों का इस्तेमाल की अनुमति देगा।’
• ज्ञात हो,चीन हंबनटोटा को करीब सात हजार करोड़ रुपये में विकसित करेगा। इसमें चीन की 70 फीसद तक हिस्सेदारी होगी।

3. सेना-रोहिंग्या संघर्ष से म्यांमार में और बिगड़े हालात

• म्यांमार के अशांत रखाइन प्रांत की स्थिति बिगड़ती जा रही है। पुलिस नाकों और सैन्य अड्डे पर 24 अगस्त को हमले के बाद सेना ने रोहिंग्या  विद्रोहियों और उनके अड्डों को खत्म करने का अभियान छेड़ दिया है। खूनी टकराव में अब तक 400 लोग मारे जा चुके हैं ।
• संयुक्त राष्ट्र के अनुसार सैन्य अभियान के बाद से 38 हजार रोहिंग्या मुसलमान बांग्लादेश की में प्रवेश कर चुके हैं। बीस हजार से ज्यादा शरणार्थी सीमावर्ती इलाकों में फंसे हैं।
• दशकों बाद हालात इस कदर खराब हुए हैं। वर्ष 2012 में रखाइन प्रांत की राजधानी सितवे में भड़के दंगों में दो सौ लोग मारे गए थे और 1.40 लाख लोगों को विस्थापित होना पड़ा था। इस बार महज छह दिनों में ही विस्थापितों की संख्या 60 हजार के करीब पहुंच चुकी है।
• म्यांमार की सेना का कहना है कि उसका अभियान आतंकियों के खिलाफ है। सेना ने गुरुवार को कहा कि मरने वालों में 370 रोहिंग्या विद्रोही, 13 सेना के जवान, दो सरकारी अधिकारी और 14 आम नागरिक हैं।
• चार विद्रोही गिरफ्तार भी किए गए हैं, इनमें 13 साल का एक किशोर भी शामिल है।
• इस बीच, नौका दुर्घटना में मारे गए शरणार्थियों की संख्या 40 तक पहुंच गई है। शरणार्थियों से लदी एक न

सामान्य अध्ययन, [02.09.17 08:22]
ौका बुधवार को म्यांमार और बांग्लादेश को बांटने वाली नफ नदी में डूब गई थी।
• बांग्लादेश के सीमाई इलाके कॉक्स बजार में हजारों की तादाद में भूखे-प्यासे रोहिंग्या शरणार्थी पहुंच रहे हैं।

4. भारतवंशी पिल्लई फिर बने सिंगापुर के कार्यवाहक राष्ट्रपति

• भारतीय मूल के जेवाई पिल्लई को फिर सिंगापुर का कार्यवाहक राष्ट्रपति नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति सलाहकार परिषद (सीपीए) के अध्यक्ष पिल्लई इससे पूर्व भी 60 से ज्यादा बार कार्यवाहक राष्ट्रपति की भूमिका निभा चुके हैं।
• नियमों के अनुसार राष्ट्रपति पद के रिक्त होने, महामहिम के विदेश दौरों के वक्त सीपीए अध्यक्ष को कार्यकारी राष्ट्रपति चुना जाता है। सीपीए अध्यक्ष मौजूद ना हों तो संसद के अध्यक्ष यह जिम्मेदारी संभालते हैं। 23 सितंबर को राष्ट्रपति का चुनाव होना है।
• इससे पूर्व 13 सितंबर को नामांकन पत्र दाखिल होगा। अगर सिर्फ एक उम्मीदवार ने नामांकन दाखिल किया तो फिर पिल्लई को 13 सितंबर को ही राष्ट्रपति की कुर्सी छोड़नी पड़ेगी।

5. ब्रिटिश वायुसेना के लड़ाकू दस्ते में महिलाओं को मिलेगी जगह

• ब्रिटिश वायुसेना रॉयल एयर फोर्स (आरएएफ) ने शुक्रवार से अपने लड़ाकू दस्ते में शामिल होने की इच्छुक महिलाओं के आवेदन स्वीकार करना शुरू कर दिया है। ब्रिटेन की सेना में महिलाओं और पुरुषों के लिए सभी भूमिकाएं खोलने वाली आरएएफ पहली शाखा है।
• आरएएफ रेजीमेंट का मुख्य काम हवाई गश्त करना और आरएएफ के बेस कैंप व हवाई क्षेत्र को सुरक्षित रखना है।
• वायुसेना में केवल 10 फीसद हैं महिलाएं : एक रक्षा अधिकारी ने कहा, वायुसेना में केवल 10 फीसद महिलाएं हैं इसलिए ज्यादा आवेदन आने की संभावना नहीं है। लेकिन,अब महिलाएं फाइटर पायलट से लेकर जमीनी सुरक्षा की भूमिकाओं के लिए आवेदन दे सकती हैं।
•  सेना और नौसेना में लड़ाकू भूमिकाओं में महिलाओं को जगह देने के लिए अभी एक साल का समय लग सकता है क्योंकि इन भूमिकाओं के लिए अधिक शारीरिक बल की आवश्यकता होती है।
• मालूम हो कि, 2016 में तत्कालीन प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने महिलाओं के लड़ाकू दस्ते में शामिल होने को लेकर लगी रोक हटा दी थी। इसके बाद रक्षा मंत्री माइकल फैलोन ने गत जुलाई में घोषणा की थी कि आरएएफ रेजीमेंट महिलाओं के लिए 2018 की जगह इसी साल सितंबर में ही खोल दी जाएगी।

6. एनएचआरसी की याचिका वृहद पीठ को सौंपी

• उच्चतम न्यायालय ने मुठभेड़ में होनी वाली मौतों के बारे में सभी राज्यों के लिए अनिवार्य रूप से सूचना मुहैया कराने के निर्देश के लिए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) की याचिका शुक्रवार को वृहद पीठ को सौंप दी।
• न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ और न्यायमूर्ति आर भानुमति की दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि यह उचित होगा कि इस याचिका में उठाए गए मुद्दों पर तीन न्यायाधीशों की पीठ फैसला करे।आयोग की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गोपाल सुब्रमणियम और वकील शोभा गुप्ता ने कहा कि यह शुद्ध रूप से कानूनी सवाल है क्योंकि कानून में ही ऐसे मामले की जांच का प्रावधान है।
• कानून में आयोग खुद या पीड़ित द्वारा याचिका दायर करने पर या उसकी ओर से मानवाधिकार के उल्ल्ंघन के बारे में किसी लोक सेवक की शिकायत मिलने पर जांच का प्रावधान है। शीर्ष अदालत ने कहा कि वृहद पीठ सभी मुद्दों पर विचार करेगी।
• न्यायालय ने चार जुलाई को सभी राज्यों को मानवाधिकार आयोग की याचिका पर जवाब देने का निर्देश दिया था। आयोग ने 2014 में दायर इस याचिका में यह निर्देश देने का अनुरोध किया था कि मानवाधिकार संरक्षण कानून 1993 और इसके दिशानिर्देशों के तहत राज्य सरकार और पुलिस को मुठभेड़ में व्यक्तियों के मारे जाने के मामलों की जानकारी आयोग को उपलब्ध कराते रहें।
• आयोग यह भी चाहता था कि राज्य सरकारों को उसकी सिफारिशों पर अमल करने से इंकार नहीं करना चाहिए। आयोग ने कहा कि शीर्ष अदालत के 2014 के फैसले के तहत कुछ दिशा निर्देश तैयार किए थे और ऐसी जांच के मामलों में उसकी भूमिका एक तरह से खत्म हो गई थी।

7. जीएसटी की बाधा पार कर गया मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र

• जीएसटी के चलते चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में कल कारखानों की ठप पड़ी मशीनें अगस्त में फिर से चलने लगी हैं। अगस्त 2017 में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र को मिले ऑर्डर से कारखानों की रौनक फिर से लौट आई है। पीएमआइ के इंडेक्स से जो संकेत मिल रहे हैं, उसके मुताबिक इस महीने देश में औद्योगिक उत्पादन की रफ्तार काफी अच्छी रहने की उम्मीद है।
• ऑटो उद्योग के आंकड़ों से भी इंडेक्स के दावे को मजबूती मिल रही है।1निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग परचेजिंग मैनेजर्स इंडेक्स (पीएमआइ) अगस्त में एक बार फिर से 50 से ऊपर आ गया है। इस महीने यह 51.2 रहा। जबकि जुलाई में यह 47.9 अंक तक गिर गया था।
• पीएमआइ का 50 से ऊपर निकलना आर्थिक विकास के लिहाज से सकारात्मक माना जाता है। यह आंकड़ा इसलिए भी महत्वपूर्ण है क्योंकि एक दिन पहल

सामान्य अध्ययन, [02.09.17 08:22]
े ही पहली तिमाही के जीडीपी के आंकड़े आए थे जिसके मुताबिक इस अवधि में मैन्यूफैक्चरिंग काफी सुस्त रही। हालांकि इसके पीछे अहम कारण जीएसटी का लागू होना रहा।
• जुलाई से जीएसटी लागू होने के कारण जून तक कंपनियों में उत्पादन धीमा रहा। उन्होंने इस दौरान पुराना स्टॉक निकालने पर ज्यादा ध्यान दिया। लेकिन जीएसटी लागू होने के बाद स्थिति स्पष्ट हुई और कारखानों में एक बार फिर से उत्पादन शुरू हो गया है।
• माना जा रहा है कि कारखानों के प्रदर्शन में आया यह बदलाव जुलाई-सितंबर की तिमाही में मैन्यूफैक्चरिंग क्षेत्र की पूरी तस्वीर बदल सकता है। पीएमआइ रिपोर्ट बनाने वाली अर्थशास्त्री पोलियाना डी लीमा का मानना है कि अगस्त में कारखानों के प्रदर्शन में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला है।

8. 20 लाख से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को भी जीएसटी दायरे में लाएं : प्रधानमंत्री

• प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सालाना 20 लाख रुपए से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को भी जीएसटी के दायरे में लाने की बात कही है। शुक्रवार को दूसरे 'राजस्व ज्ञान संगम' का उद्घाटन करते हुए उन्होंने कहा, 'सभी ट्रेडर्स को जीएसटी का पूरा लाभ मिले, इसके लिए हमें छोटे कारोबारियों को भी जीएसटी में रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश करनी चाहिए। उन्हें भी जिनका टर्नओवर 20 लाख रुपए से कम है।' दो दिवसीय 'संगम' में सीबीडीटी और सीबीईसी के वरिष्ठ अधिकारी भाग ले रहे हैं।
• उन्होंने बताया कि दो महीने में 17 लाख नए ट्रेडर जीएसटी में रजिस्टर्ड हुए हैं। अभी सालाना 20 लाख रुपए तक टर्नओवर वाले कारोबारियों के लिए जीएसटी में रजिस्ट्रेशन जरूरी नहीं है। उन्हें जीएसटी नहीं चुकाना पड़ता। हालांकि दूसरे राज्यों में सप्लाई करने वालों के लिए रजिस्ट्रेशन जरूरी है, भले ही टर्नओवर 20 लाख से कम हो।
• प्रधानमंत्री ने अपील में फंसे टैक्स मामलों की बड़ी संख्या पर नाखुशी जताई। कहा कि इनमें काफी रकम फंसी हुई है, जिनका इस्तेमाल गरीबों के कल्याण में किया जा सकता था। उन्होंने ऐसे मामले खत्म करने के लिए अधिकारियों से एक्शन प्लान बनाने को कहा। इस मौके पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने जीएसटी लागू करने में केंद्र और राज्यों के अधिकारियों के प्रयासों की तारीफ की।

9. विदेशी मुद्रा भंडार रिकार्ड स्तर पर

• देश के विदेशी मुद्रा भंडार में जोरदार वृद्धि दर्ज हुई है। 25 अगस्त को समाप्त सप्ताह में 1.15 अरब डालर बढ़कर 394.55 अरब डालर के अब तक रिकार्ड स्तर पर पहुंच गया।
• गत 18 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह 21.11 करोड़ डालर घटकर 393.40 अरब डालर रह गया था। इससे पहले 11 अगस्त को समाप्त सप्ताह में यह 16.38 करोड़ डालर की बढ़त के साथ रिकार्ड 393.61 अरब डालर पर पहुंचा था।
• रिजर्व बैंक द्वारा शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार आलोच्य सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार के सबसे बड़े घटक विदेशी मुद्रा परिसंपत्ति में 1.15 डालर की भारी बढ़त दर्ज की गई और यह 370.83 करोड़ डालर पर आ गई।

10. अब शुरू होगा नदी जोड़ो परियोजना का काम

• देश की कुछ बड़ी नदियों को जोड़ने की सालों से अटकी परियोजना पर एक महीने के अंदर काम शुरू हो जाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की इस महत्वाकांक्षी परियोजना का उद्देश्य देश में हर साल आने वाली बाढ़ और सूखे की स्थिति को खत्म करना है। इस परियोजना पर करीब 5,500 अरब रुपये का खर्च आने का अनुमान है।
•  इस परियोजना के तहत गंगा समेत करीब 60 नदियों को जोड़ने की योजना है। सरकार को उम्मीद है कि परियोजना के पूरे होने पर किसानों की मानसून पर निर्भरता बहुत कम हो जाएगी, क्योंकि लाखों हेक्टेयर कृषियोग्य भूमि सिंचित क्षेत्र के तहत आ जाएगी। इसके अलावा हजारों मेगावाट बिजली का उत्पादन भी संभव हो सकेगा।
• सूत्रों ने बताया कि पर्यावरणविदों, बाघ संरक्षकों और पूर्व राज परिवारों के विरोध के बावजूद प्रधानमंत्री मोदी ने परियोजना के पहले चरण की मंजूरियों के लिए व्यक्तिगत रूप से प्रयास किए हैं। मोदी मंत्रिमंडल एक-दो हफ्ते में इस परियोजना पर काम शुरू करने अनुमति प्रदान कर देगा। इसके बाद प्रधानमंत्री मोदी दिल्ली से निर्माण कार्यो की शुरुआत करेंगे।
• परियोजना के तहत केन नदी पर बांध बनाने के अलावा इसे 22 किमी लंबी एक नहर के जरिये बेतवा नदी से जोड़ा जाएगा। ये दोनों नदियां उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश से होकर गुजरती हैं और दोनों ही राज्यों में भाजपा सरकार है। प्रधानमंत्री को उम्मीद है कि केन-बेतवा परियोजना अन्य नदी जोड़ो परियोजनाओं के लिए उदाहरण साबित होगी।
• जल संसाधन राज्य मंत्री संजीव बालियान ने बताया, ‘हमें रिकॉर्ड समय में मंजूरियां हासिल हुई हैं। केन-बेतवा नदी जोड़ो परियोजना तो सरकार की प्राथमिकताओं में शीर्ष पर है।’
• इसके अलावा पश्चिम भारत में तापी-नर्मदा और दमन गंगा-पिंजल नदियों को जोड़ने की परियोजनाओं पर भी सरकार कागजी कार्रवाई पूरी करने में जुटी हुई है।

11. अंटार्कटिक का समुद्री जीवन होगा प्रभावित

• ग्लोबल वार्मिग को लेकर वैज्ञानिक अभी तक जितनी चिंता जताते आए हैं, दरअसल इसके परिणाम उससे ज्यादा घातक होंगे। खासकर अंटार्कटिक के समुद्री जीवन पर। हाल ही में ब्रिटेन के वैज्ञानिकों ने समुद्री जीवों पर ताप के प्रभाव को लेकर अध्ययन किया, जिसके बाद यह चेतावनी जारी की गई है।
• इस अध्ययन में वैज्ञानिकों पाया कि एक डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ने से समुद्र के नीचे रहने वाले कई कीड़ों व अन्य जीवों की वृद्धि दोगुनी हो जाएगी। इनके ज्यादा प्रभावशाली होने से अन्य प्रजातियों पर नकारात्मक असर पड़ेगा और उनकी संख्या कम होगी।
• ऐसा होने से जैव विविधता में कमी आएगी, जो चिंता का विषय है।करेंट बायोलॉजी में प्रकाशित अध्ययन के मुताबिक, शोधकर्ताओं ने समुद्री क्षेत्र में नौ माह तक प्रयोग किए। इसमें उन्होंने बताया कि आने वाले दशकों में मानव निर्मित ग्रीन हाउस गैसों का प्रभाव पर्यावरण पर बढ़ेगा। इससे वैश्विक स्तर पर तापमान में इजाफा होगा, जिसका समुद्री जीवन पर जो असर पड़ेगा वो खतरे की घंटी है।
• ब्रिटिश अंटार्कटिक सर्वे एंड स्मिथसोनियन इनवायरमेंटल रिसर्च सेंटर की गैल एशटन के मुताबिक, हम इतने ज्यादा अंतर की उम्मीद नहीं कर रहे थे। जैव विविधता में इतना बड़ा अंतर चिंताजनक है। ये एक चेतावनी है कि गर्मी बढ़ने से क्या-क्या नकारात्मक प्रभाव दुनिया पर पड़ने वाला है।
• उन्होंने बताया कि के प्रभाव पर हुए पहले के अध्ययन एक प्रजाति पर केंद्रित थे, जबकि नवीन अध्ययन में समुचित जीवों को शामिल किया गया।
• इस तरह किया अध्ययन : इस अध्ययन के लिए वैज्ञानिकों ने अंटार्कटिक प्रायद्वीप के समुद्र तल पर हीट प्लेट लगाईं, जिससे स्थानीय समुद्री प्रजातियों पर गर्मी के प्रभाव को जाना जा सके।
• 15 वर्ग सेंटीमीटर की 12 हीट प्लेटों में चार ने एक डिग्री सेल्सियस, चार ने दो डिग्री सेल्सियस तापमान बढ़ोतरी की चेतावनी दी। वहीं, शेष चार प्लेटों को व्यापक तापमान नियंत्रित होने के कारण छोड़ दिया गया।
• ये परिणाम आए सामने : वैज्ञानिकों के मुताबिक, एक डिग्री सेल्सियस पर चार प्लेटों में ब्रीजोअन मॉस की प्रजातियां बेहद हावी हो गईं। वहीं, शोधकर्ताओं ने यह भी पाया कि समुद्री कीड़े रोमनचेला पेररीएरी औसतन 70 फीसद तक बढ़ा हुआ। इसके चलते कुछ प्रजातियों के जैव विविधता में कमी देखी गई। वहीं, दो डिग्री वाली प्लेटों के परिणाम स्थान परिवर्तन के साथ अलग-अलग सामने आए।
• शोधकर्ताओं के मुताबिक, अत्याधिक तापमान बढ़ने के कारण उसके ज्यादा गंभीर प्रभावों के चलते ऐसा हुआ होगा
• जारी रहेगा अध्ययन : एशटन के मुताबिक, इस विषय में विस्तृत अध्ययन फिलहाल जारी रहेगा, लेकिन जो परिणाम मिले हैं उससे काफी कुछ स्पष्ट हो गया है। हमारे पास जो डाटा एकत्र है उससे स्पष्ट है कि आने वाले समय में का समुद्री जीवन पर बेहद नकारात्मक परिणाम पड़ने वाला है।